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#day5 पश्चिम बंगाल में कथा वाचक पर हुए हमले के बाद, वहां की मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

#day5 पश्चिम बंगाल में कथा वाचक पर हुए हमले के बाद, वहां की मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने बताया कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक संसद में पारित हो गया। इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी को बहुत बहुत साधुवाद। साथ ही सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद जिन्होंने राष्ट्र हित को प्राथमिकता देते हुए इस बिल का समर्थन किया। यह संशोधन देश की संवैधानिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब मौखिक वक्फ घोषणाओं की समाप्ति होगी और पूर्ण पारदर्शिता हेतु वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण होगा ।

पश्चिम बंगाल में कथा वाचक हिरण्मय गोस्वामी महाराज पर जानलेवा हमला हुआ है। हम सभी सनातनी इस घटना का विरोध करते है और मांग करते हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। देश की रक्षा और अपने धर्म की सुरक्षा हमारा सर्वोत्तम कर्तव्य है। यह हम सभी का साझा दायित्व है कि हम अपनी मातृभूमि और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करें, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ गर्व से अपने इतिहास और संस्कृति को जान सकें।

शादी एक पवित्र संस्कार है, जो हमेशा घर पर ही होना चाहिए, न कि होटल में। यह एक दिव्य बंधन है, जिसे सम्मान और श्रद्धा के साथ पूरा किया जाना चाहिए। विवाह समारोह में किसी भी प्रकार का अशुद्ध खानपान नहीं होना चाहिए, ताकि यह संस्कार पूरी तरह से शुद्ध और पारंपरिक तरीके से संपन्न हो सके। इसके साथ ही, शादी का आयोजन हमेशा दिन के समय किया जाना चाहिए, ताकि यह पवित्रता और शुभता के साथ संपन्न हो सके।

भगवद कथा सुनने मात्र से जीवन में अद्भुत परिवर्तन आ सकता है। ]जब हम भगवद कथा को ध्यानपूर्वक सुनते हैं, तो हमारी आत्मा को शांति, संतुलन और आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है। भगवान श्री कृष्ण के संदेश से जीवन के सच्चे अर्थ को समझने का अवसर मिलता है। भगवद कथा से जुड़कर हम अपने हर कर्म में भक्ति और धर्म का संचार करते हैं, जो हमारे जीवन को संपूर्ण रूप से सफल और सार्थक बना देता है।

कभी भी अपने भगवान का, ग्रंथ का, अपने गुरु का और अपने माँ-बाप का अपमान नहीं करना चाहिए। ये सभी हमारे जीवन के पवित्र स्तंभ होते हैं, जिनसे हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और प्रेम मिलता है। इनका अपमान करना हमारे जीवन की दिशा को बिगाड़ सकता है और आत्मिक शांति को हानि पहुंचा सकता है। हमें हमेशा इन्हें सम्मान देना चाहिए, क्योंकि इनकी कृपा से ही हम सही मार्ग पर चलने की शक्ति प्राप्त करते हैं।”

भगवान को हमेशा घर का बनाया हुआ शुद्ध भोग अर्पित करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है। घर में बने ताजे और शुद्ध पदार्थ भगवान के लिए सर्वोत्तम होते हैं, जो उन्हें अर्पित करते समय हमारी आस्था और भक्ति को भी दर्शाते हैं। इसके साथ ही, घी भी घर का ही प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि घर का घी शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है। भगवान ठाकुर जी को कभी भी अशुद्ध या तामसी भोग नहीं अर्पित करना चाहिए, क्योंकि उनका आहार हमेशा पवित्र और शुद्ध होना चाहिए, ताकि हमारी भक्ति सच्चे रूप में भगवान तक पहुंचे और हम उनकी कृपा के पात्र बन सकें।

श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक- 31 मार्च से 06 अप्रैल 2025 तक
समय- दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक
स्थान: सागौरिया फार्म हाउस, मोदी कोल्ड के सामने, सेल्स टैक्स बैरियर, ए.बी रोड, मुरैना, मध्य प्रदेश

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