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#day2 धर्म वही है जो भगवान की ओर ले जाए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

#day2 धर्म वही है जो भगवान की ओर ले जाए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

आज कथा में श्री अजित पवार जी (डिप्टी सीएम, महाराष्ट्र ), श्री प्रताप पाटील चिखलीकर जी ( विधायक ), श्री दादासाहेब मोहनराव पाटील जी ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया एवं कथा पंडाल में उपस्तिथ भक्तों को संबोधित किया।

आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने बताया कि जब भी हम कथा श्रवण करें, हमें पूरी निष्ठा और संयम के साथ सुनना चाहिए। कथा के दौरान जल पीना या कुछ खाना वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे हमारी एकाग्रता भंग होती है और कथा का पूरा लाभ हमें प्राप्त नहीं हो पाता।

श्रीमद्भागवत महापुराण को सुनने से न केवल हमारे पापों का नाश होता है, बल्कि हमारा आत्मिक कल्याण भी होता है। इस पावन कथा का श्रवण करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, क्योंकि यह हमें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

धुंधकारी अत्यंत पापी और भटकती आत्मा थी, लेकिन जब उसने भागवत कथा का श्रवण किया, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। यह कथा हमें यह संदेश देती है कि यदि भागवत कथा एक प्रेत और पापी आत्मा का उद्धार कर सकती है, तो निश्चित रूप से यह हम सबका भी उद्धार कर सकती है।

हमें सदैव भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए, धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और अपने जीवन को प्रभु की भक्ति में लगाना चाहिए, जिससे हमारा आत्मिक कल्याण हो और हम धर्म की रक्षा करने में सक्षम हो सकें।

भागवत कथा हमें यह सिखाती है कि यदि हम सच्चे मन से प्रभु की भक्ति करें और धर्म के सिद्धांतों का पालन करें, तो जीवन में किसी भी प्रकार का दुख हमारे मार्ग में बाधा नहीं बन सकता।

यदि हम अपने धर्म की रक्षा नहीं करेंगे, तो हमारा देश भी उन देशों की स्थिति में पहुँच सकता है, जहाँ धर्म का ह्रास हो चुका है। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में धर्म की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है, जहाँ धर्म पर लगातार आघात हो रहे हैं।

प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दे, जिससे वे न केवल अपने जीवन को सफल बना सकें, बल्कि देश और समाज का भी नाम रोशन कर सकें। धर्म की शिक्षा ही उन्हें सही मार्ग दिखाएगी और जीवन को सत्य, प्रेम और करुणा से भर देगी।

श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन

दिनांक: 27 फरवरी से 5 मार्च 2025

कथा समय: दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक

कथा स्थल: श्री क्षेत्र उमरज (धाकटे पंढरपुर) तालुका कंधार, जिला- नांदेड़ महाराष्ट्र

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