#day6 पैसे से कभी भी सम्मान प्राप्त नहीं किया जा सकता- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने बताया कि इस संसार में केवल पति-पत्नी के मिलने से ही संतान की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि जब तक भगवान की इच्छा न हो तब तक कुछ भी संभव नहीं होता। इसलिए मनुष्य को हर परिस्थिति में भगवान का भजन करते रहना चाहिए क्योंकि भगवान ही हमारे जीवन के अंतिम आधार हैं।

आज हमारे समाज में यह बहुत बड़ी विडंबना है कि यदि किसी महिला को संतान का सुख नहीं मिलता तो समाज उसे ताने मारता है, उसका मजाक बनाता है, उसके घावों पर मरहम लगाने के बजाय नमक छिड़कता है, यहाँ तक कि घर के लोग भी उसे ताने देने लगते हैं। लेकिन यह सरासर पाप है, किसी के दुख का मजाक नहीं बनाना चाहिए।

संसार का सबसे बड़ा पुण्य दूसरों को सुख देना है और सबसे बड़ा पाप दूसरों को दुख देना है। आज समाज में बेईमानी इतनी बढ़ गई है कि छोटा-बड़ा हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में बेईमानी कर रहा है। लोग सोचते हैं कि बेईमानी करके बहुत कुछ पा लेंगे लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि बेईमानी से आया धन कभी भी सुख और संतोष नहीं दे सकता।

आज लोग जाति के नाम पर बांट रहे हैं, भाषा के नाम पर बांट रहे हैं, धर्म के नाम पर लड़वा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसे लोग सिर्फ अपनी कुर्सी और स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं, उन्हें न तो समाज से कोई मतलब है, न संस्कृति से, न ही सनातन धर्म से।

जो भी हमारे भारत देश पर कुदृष्टि डालेगा, उसे हम उचित उत्तर देंगे क्योंकि हम सनातनी हैं, हम शांति के पुजारी हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर अपनी और अपने धर्म की रक्षा करना जानते हैं।

जब व्यक्ति के पास धन आता है तो अक्सर वह अपने गुरु और गोविंद को भूल जाता है और उसके जीवन में अहंकार भर जाता है, लेकिन बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जिनके पास धन होने पर भी धर्म और विनम्रता बची रहती है।

बेटा हो या बेटी, कभी भी अपने माता-पिता का नाम नीचे नहीं होने देना चाहिए क्योंकि उनके सम्मान और प्रतिष्ठा में ही तुम्हारा सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ा आशीर्वाद छुपा है। जो अपने माता-पिता का सम्मान नहीं कर सकता, वह किसी का भी सम्मान नहीं कर सकता और ऐसा व्यक्ति कभी भी जीवन में सच्चा सुख प्राप्त नहीं कर सकता।

श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन

दिनांक – 02 से 08 जुलाई 2025

कथा समय: दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक

कथा स्थल: सिद्ध पीठ वंशीवट महारास स्थल एवं नित्य गोचारण लीला स्थल श्री दामा जी मन्दिर, ग्राम छाहरी, मांट (मथुरा)

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