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#Day2 इस बार गर्मियों की छुट्टियों मे गंगोत्री धाम चलिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

#Day2 इस बार गर्मियों की छुट्टियों मे गंगोत्री धाम चलिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

कई बार हम धार्मिक ग्रंथों, प्रवचनों या सत्संगों को बड़े श्रद्धा भाव से श्रवण तो कर लेते हैं यानी हम सुनते हैं, कथा का हिस्सा बनते हैं श्रवण का अर्थ है सुनना, लेकिन केवल कानों से नहीं, मन से सुनना, सजग होकर। मनन का अर्थ है जो सुना है, उस पर विचार करना, उसे अपने जीवन से जोड़कर देखना। ध्यान का अर्थ है उस विचार में स्थिर होकर बैठना, उसे अपने भीतर उतारना, आत्मसात करना।

यदि हम केवल कथा को सुन लें, लेकिन उस पर विचार न करें, उसे आत्मचिंतन का विषय न बनाएं, और न ही उसे ध्यानपूर्वक अपने जीवन में उतारें तो वो कथा बस एक मनोरंजन बनकर रह जाएगी। कथा का असली लाभ तभी है जब वह जीवन को बदलने लगे, व्यवहार को शुद्ध करे, और अंतःकरण को निर्मल बनाए। वरना सिर्फ कथा सुनना, एक रस्म अदायगी बनकर रह जाती है।

आज हम अपने बच्चों को पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन सीखा क्या रहे हैं? हम उन्हें सिखा रहे हैं कि कैसे अच्छे नंबर लाने हैं, कैसे बड़ी नौकरी पानी है, कैसे अधिक पैसे कमाने हैं। मगर क्या हम उन्हें यह सिखा रहे हैं कि जीवन को कैसे जीना है? बच्चे आज किताबों से ज्ञान तो ले रहे हैं, लेकिन जीवन के मूल्य नहीं सीख पा रहे। हमने उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर, अफ़सर तो बना दिया मगर क्या उन्हें एक अच्छा इंसान बना पाए?

हमे अपने कृष्ण जन्म भूमि के लिए कागज मांगे जा रहे हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड को लेकर कोई कागज नहीं मांग रहा। यह कैसा दोगलापन है। हम सनातनियों के लिए कोई नहीं लड़ेगा। हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। हमें अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे आना होगा और इसके लिए सनातन बोर्ड का बनना अति आवश्यक है। 

हम गर्मियों की छुट्टियों मे ना जाने कहां-कहां जाते हैं, लेकिन कभी धार्मिक स्थलों पर नहीं जाते। अगर कहीं जाना ही है तो वहां जाओ , जहां कुछ सीखकर आओ. 9 से 15 जून को गंगोत्री धाम में श्रीमद्भागवत कथा होने जा रही है, चलिए सभी गंगोत्री धाम चलें। शास्त्रों में कहा गया है श्रीमद्भागवत कथा मोक्ष प्रदान करने वाली है और यदि इसी कथा को श्रवण करने का सौभाग्य गंगा के पवन तट पर प्राप्त हो जाये तो इसका महत्व और भी अधिक बड़ जाता है।

श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक: 21 से 27 अप्रैल, 2025
कथा समय: शाम 4 बजे से 7 बजे तक
कथा स्थल: सिद्ध श्री देवी मंदिर, पानीपत, हरियाणा

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