#day1 प्रत्येक राजनेता को धर्मात्मा होना चाहिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
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sonu
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#day1 प्रत्येक राजनेता को धर्मात्मा होना चाहिए- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
कथा में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर जी ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया ।
कथा में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी चौबे जी ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म केवल एक पंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक महान और शाश्वत प्रणाली है, जो सदियों से हमारी संस्कृति, संस्कार और सभ्यता की आधारशिला रही है। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि हम सब मिलकर, एकजुट होकर, सनातन धर्म की रक्षा, प्रचार और प्रसार के लिए आगे आएं
“कथा में श्री गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप दरिद्र हैं और भागवत कथा श्रवण करते हैं, तो भागवत कथा सुनने से आपकी दरिद्रता दूर हो जाएगी।”
कथा में श्री राजा राम बाबा जी महाराज, आचर्य भारत भूषण पांडेय जी, श्री मति प्रियंका मिश्रा जी (SDM ) ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया
बक्सर, बिहार में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के पावन सानिध्य में कथा से पूर्व दिव्य एवं भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस पवित्र यात्रा में हजारों की संख्या में सनातनी श्रद्धालुओं ने भाग लेकर यात्रा की शोभा बढ़ा दी। विशेष रूप से बड़ी संख्या में महिलाओं ने सिर पर सुशोभित कलश लेकर इस यात्रा में भाग लिया। इस पावन यात्रा की शोभा बैंड, ढोल-नगाड़ों और मनमोहक भजनों से चार गुना बढ़ गई। यह यात्रा जिन मार्गो से निकली वहां पर भक्तों के द्वारा पुष्प वर्षा की गई । यात्रा के दौरान समूचा वातावरण राधे-राधे के जयकारों से गूंजायमान हो उठा ।
आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने बताया कि आज का युवा वर्ग, धर्म और आध्यात्मिकता से दूर होता जा रहा है। जहां एक ओर शाश्वत ज्ञान और आत्मकल्याण का स्रोत श्रीमद्भागवत कथा है, वहीं दूसरी ओर आज का युवा वर्ग फिल्मों, मनोरंजन और बाहरी चकाचौंध में इतना व्यस्त हो गया है कि उसे कथा श्रवण का समय ही नहीं मिलता।
कलियुग में जहां-जहां श्रीमद्भागवत कथा होती है, वहां-वहां देवताओं का निवास होता है, और उस स्थान की पवित्रता से संपूर्ण वातावरण दिव्यता से भर जाता है।
प्रत्येक राजनेता को धर्मात्मा होना चाहिए। यदि देश के नेतृत्वकर्ता धर्म के मार्ग पर चलने वाले, निष्ठावान और ईमानदार होंगे, तो देश से भ्रष्टाचार स्वतः समाप्त हो जाएगा और राष्ट्र की विकास की धारा अविरल बहने लगेगी। जब राजनीती में धर्म के मूल्य समाहित होंगे, तब ही सच्चे रामराज्य की कल्पना साकार होगी।
गंगा माँ के दर्शन मात्र से ही जीव को पापों से मुक्ति मिलने लगती है। जब कोई श्रद्धालु माँ गंगा के तट पर पहुंचता है और उसके पवित्र जल को देखता है, तो आत्मा में एक अलौकिक शांति का संचार होता है। गंगा जल में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और आत्मा को मोक्ष की ओर मार्गदर्शन मिलता है।
मोबाइल किसी का सगा नहीं है, मोबाइल के छलावे में फंसकर आज न जाने कितने नौजवानों ने अवसाद (डिप्रेशन) में आकर आत्महत्या (suicide) जैसा कठोर कदम उठा लिया ।ये सब घटनाएं समाज के लिए एक चेतावनी हैं कि हमें मोबाइल का इस्तेमाल साधन के रूप में करना चाहिए, साध्य के रूप में नहीं।
श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक – 9 से 15 अप्रैल 2025
स्थान – आईटीआई मैदान, बक्सर, बिहार
समय – दोपहर 3:30 से