#day1 चीन के सामानों का करें बहिष्कार- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
#day1 चीन के सामानों का करें बहिष्कार- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने भक्तों को बताया कि गंगोत्री धाम, जहाँ से मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ, वही स्थान जब श्रीमद्भागवत कथा के मधुर स्वर से गूंज उठता है, तो मानो साक्षात् स्वर्ग का साक्षात्कार होता है। यहाँ माँ गंगा की निर्मल धाराएं केवल शरीर ही नहीं, आत्मा को भी पवित्र करती हैं। और जब इसी धारा के समीप भगवान श्रीहरि की अमृतमयी कथा का श्रवण होता है, तो वह क्षण जीवन को धन्य बना देता है। हिमालय की गोद में स्थित यह तीर्थ, जहाँ चारों ओर देवत्व का स्पंदन है, वहां श्रीमद्भागवत कथा सुनना आत्मा को मोक्ष की ओर अग्रसर कर देता है।
मैं भारत सरकार से विनम्र अपील करता हूँ कि हमारे पावन तीर्थ स्थलों की गरिमा को बनाए रखा जाए। ये स्थल केवल घूमने-फिरने की जगह नहीं, बल्कि आस्था, साधना और आत्मिक ऊर्जा के केंद्र हैं। जहाँ विधि-विधान से पूजा नहीं होती, वहाँ देवी-देवताओं की उपस्थिति भी क्षीण हो जाती है। दुर्भाग्यवश, आज कई तीर्थ स्थलों पर मांस-मदिरा खुलेआम उपलब्ध है — यह न केवल अपवित्रता है, बल्कि यह दर्शाता है कि हम अपनी आस्था और परंपराओं के प्रति कितने उदासीन हो चुके हैं।
पाकिस्तान में सत्ता उन शैतानी शक्तियों के हाथ में है, जिनका कार्य केवल आतंकवाद को जन्म देना रहा है। परंतु इतिहास गवाह है — जो दूसरों के लिए विनाश बोते हैं, विनाश की वही जड़ अंततः उनका स्वयं का पतन बन जाती है। आतंकवाद को पाल-पोसकर जिन ताकतों ने खुद को शक्तिशाली समझा, आज वही आतंकवाद उनके अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। आज पाकिस्तान विनाश की कगार पर है।
पूज्य महाराज जी ने समस्त सनातनियों से भावपूर्ण अपील की है कि यदि आप सच्चे सनातनी हैं, यदि आप अपने राष्ट्र से प्रेम करते हैं, तो चीन में बना कोई भी सामान न खरीदें। देशभक्ति केवल नारों से नहीं, बल्कि अपने छोटे-छोटे निर्णयों से प्रकट होती है।
आज की बदलती जीवनशैली में एक चिंताजनक प्रवृत्ति उभर रही है। बच्चे बिना विवाह के संबंधों में रह रहे हैं, जो हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को कमजोर कर रही है। जब मर्यादा टूटती है, तो संस्कार भी बिखरने लगते हैं। समाज के पतन को रोकने के लिए आवश्यक है कि हम बच्चों को केवल अकादमिक नहीं, नैतिक और संस्कारित शिक्षा भी दें। उन्हें यह समझाना होगा कि संस्कार, मर्यादा और पारिवारिक व्यवस्था ही हमारे समाज की पहचान और शक्ति हैं।
श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक – 9 से 15 जून 2025
स्थान – श्री गंगोत्री धाम, उत्तराखंड
समय – प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक