कथा में उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी ने पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया और कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को अपने प्रेरणादायी विचारों से संबोधित किया।

कथा में श्री सलिल विश्नोई जी (सदस्य विधान परिषद, उत्तर प्रदेश) ने कथा में पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया।

कथा में पहलगाम हमले में शहीद हुए वीर सपूत श्री शुभम द्विवेदी जी की धर्मपत्नी श्रीमती स्नेहा द्विवेदी जी ने व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने वीर पति की याद में भावपूर्ण शब्दों के माध्यम से अपने विचार सनातन समाज के समक्ष रखे। उनके शब्दों में देशभक्ति, त्याग और आस्था की गूंज स्पष्ट सुनाई दी, जिससे उपस्थित भक्तगण भावविभोर हो उठे।

पूज्य महाराज श्री ने कथा के दौरान पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि किसी भी धर्म में यह नहीं कहा गया कि धर्म पूछकर किसी को गोली मारी जाए। महाराज श्री ने इस अवसर पर शहीद श्री शुभम द्विवेदी जी की धर्मपत्नी श्रीमती स्नेहा द्विवेदी जी के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्नेहा जी का विवाह मात्र दो माह पूर्व ही हुआ था, लेकिन उन्हें अपने पति को अपनी आँखों के सामने खोना पड़ा। महाराज श्री ने कहा कि उन राक्षसों को ज़रा भी दया नहीं आई, जिन्होंने एक नवविवाहिता के सामने उसके पति को निर्ममता से मार डाला।

महाराज श्री ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी द्वारा भोजपुरी भाषा को विधानसभा में मान्यता प्रदान किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनका हार्दिक धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने भोजपुरी भाषा को सम्मान दिया है, वैसे ही रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता को प्रत्येक विद्यालय में अनिवार्य (compulsory) किया जाए। महाराज श्री ने कहा यदि हमारे बच्चों को रामायण और गीता का ज्ञान होगा, तो वे जीवन में कभी मार्ग नहीं खोएंगे, न ही दुखों से टूटेंगे।

पूज्य महाराज श्री ने उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन किया कि राज्य के सभी विद्यालयों में रामायण और गीता का अध्ययन अनिवार्य किया जाए, ताकि नई पीढ़ी धर्म, संस्कार और जीवन मूल्यों से जुड़ी रहे।

आजकल सनातनी केवल सोशल मीडिया तक ही हिंदू बने रहते हैं। वे फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सऐप पर धर्म के संदेश साझा करते हैं, धर्म की रक्षा की बातें करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में उस धर्म का पालन कम ही करते हैं।उन्होंने कहा कि हमें केवल सोशल मीडिया तक ही नहीं बल्कि हर जगह सनातनी बनना चाहिए। हमें धर्म की रक्षा करनी चाहिए, धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और अपने जीवन में ईश्वर के आदर्शों को स्थापित करना चाहिए।

जितना हमें भगवान ने दिया है, उससे अधिक हमें कुछ नहीं मिल सकता मनुष्य अक्सर अपने जीवन में अधिक पाने की इच्छा में खो जाता है, परंतु जो कुछ ईश्वर ने दिया है, वही हमारे लिए पर्याप्त और लाभकारी है।

प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में ऐसा कर्म करना चाहिए जो मृत्यु के बाद भी उसका कल्याण करे। उन्होंने बताया कि मरनशील मनुष्य को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा सुनने से हृदय शुद्ध होता है, मन को ज्ञान मिलता है और जीवन की दिशा सही होती है।

भजन और परोपकार करने वाले ही नरक के द्वार बंद करवाते हैं। केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए सेवा और करुणा भी जीवन को पुण्य से भर देती है। उन्होंने समझाया कि भजन करने का अर्थ केवल गीत गाना नहीं है, बल्कि अपने हृदय में भगवान का स्मरण करना है।

श्रीमद्भभागवत कथा का भव्य आयोजन

दिनांक: 24 से 30 अक्टूबर 2025

समय: दोपहर 2:30 बजे से शाम 6 बजे तक

स्थान – मोतीझील ग्राउंड कानपुर, उत्तरप्रदेश

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