कथा में श्रीमती नीलिमा कटियार जी (विधायक, कल्याणपुर) एवं श्री अरुण पुरी जी महाराज ने पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया और कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को अपने प्रेरणादायी विचारों से संबोधित किया।

कार्तिक मास का महत्व अत्यंत अद्भुत और कल्याणकारी है। इस पावन मास में किया गया प्रत्येक शुभ कार्य असंख्य गुना फल देता है। उन्होंने कहा कि कार्तिक मास में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा रहती है। जो व्यक्ति इस माह में भक्ति, दान, दीपदान, संकीर्तन और सेवा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

महाराज श्री ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए “सनातन बोर्ड” का गठन अत्यंत आवश्यक है। हम जब भी इस विषय पर चर्चा करते है, तो कुछ लोग प्रश्न उठाते हैं कि सनातन बोर्ड की जरूरत क्या है। इस पर पूज्य महाराज श्री ने बड़ी स्पष्टता से कहा — “यदि सनातन बोर्ड आवश्यक नहीं है, तो फिर हम तिरुपति बालाजी के प्रसाद में हो रही मिलावट को क्यों नहीं रोक पाए? जब धर्मस्थलों पर भी प्रशासनिक हस्तक्षेप और कुप्रबंधन देखने को मिलता है, तब यह स्पष्ट हो जाता है कि सनातन बोर्ड की स्थापना केवल आवश्यक ही नहीं, बल्कि अनिवार्य है।”

पूज्य महाराज श्री ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 16 अक्टूबर के ऐतिहासिक निर्णय कि मंदिर का धन सरकार किसी भी अन्य कार्य में प्रयोग नहीं कर सकती, क्योंकि वह धन भगवान का है, जनता की आस्था का प्रतीक है। पूज्य महाराज श्री ने इस निर्णय के लिए हिमाचल हाईकोर्ट का हृदय से साधुवाद और आभार व्यक्त किया, और कहा कि ऐसे निर्णय ही सनातन संस्कृति की जड़ों को मजबूत करते हैं।

जिस व्यक्ति के गले में तुलसी माला होती है, उसे यमराज का दूत छू नहीं सकता, अर्थात् तुलसी के संग हमेशा ईश्वर की सुरक्षा और आशीर्वाद रहता है। तुलसी सिर्फ एक पवित्र धात्री नहीं, बल्कि भक्त के जीवन की रक्षा करने वाली दिव्य शक्ति है।

मनुष्य को सुख-दुख से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह जीवन का प्राकृतिक साथी है। सुख आए तो आनंद लें, दुख आए तो धैर्य और विश्वास बनाए रखें। यही जीवन का सही दृष्टिकोण है।

जीवन में हमेशा भगवान पर भरोसा रखना चाहिए। जब हम ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखते हैं, तो कठिनाइयाँ भी आसान लगने लगती हैं और हर संकट में हमें उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन का अनुभव होता है। महाराज श्री ने कहा कि भक्ति, विश्वास और धैर्य ही जीवन को स्थिर और सफल बनाते हैं।

श्रीमद्भभागवत कथा का भव्य आयोजन

दिनांक: 24 से 30 अक्टूबर 2025

समय: दोपहर 2:30 बजे से शाम 6 बजे तक

स्थान – मोतीझील ग्राउंड कानपुर, उत्तरप्रदेश

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