#day7 सच्चा मित्र वही है, जो प्रेम और स्नेह के साथ अपने मित्र का सम्मान करता है - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने भक्तों को बताया कि मानव को अपने मन पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि मन ही वह कारक है जो हमें सही और गलत के बीच मार्ग दिखाता है। मन को नियंत्रित करने के लिए सत्संग, साधना, और भक्ति आवश्यक हैं। जब मन संयमित होगा, तब जीवन में स्थिरता और सुख की प्राप्ति होगी।
सच्ची मित्रता न धन पर निर्भर करती है, न ही किसी सामाजिक पद या प्रतिष्ठा पर। सच्चा मित्र वही होता है, जो प्रेम और स्नेह के साथ अपने मित्र का सम्मान करता है और बिना किसी स्वार्थ के उसकी सहायता करता है। श्रीकृष्ण ने सुदामा को यह एहसास दिलाया कि भले ही सुदामा स्वयं को योग्य न समझें, लेकिन उनके लिए वह हमेशा प्रिय मित्र ही रहेंगे।
कथा सुनने से जीवन में शांति आती है। जब हम कथा सुनते हैं, तो हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, मन निर्मल होता है और अच्छे विचार आते हैं। कथा सुनने से जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से कथा का श्रवण करना चाहिए, जिससे उसके जीवन में मंगल हो।
कुछ हिन्दू ही सनातन धर्म को अपमानजनक रूप से कोरोना और डेंगू जैसी बीमारियों से जोड़ते हैं, जो न केवल अनुचित है, बल्कि अत्यंत चिंता का विषय भी है। ऐसे व्यक्तियों और राजनीतिक दलों को किसी भी प्रकार का समर्थन या वोट नहीं देना चाहिए ।
देश में जितने अधिक सनातनी होंगे, उतना ही हमारा देश सुरक्षित रहेगा। सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसकी रक्षा करना प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है। जहां सनातनी कम होंगे, वहां समस्याएँ बढ़ेंगी, क्योंकि सनातन धर्म केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो विश्व कल्याण का मार्ग दिखाती है।
हर लड़की को अपने पिता के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। एक बेटी का आचरण और उसका चरित्र उसके परिवार की प्रतिष्ठा को बनाए रखता है। यदि कोई लड़की अनुचित मार्ग पर चली जाती है, तो उसका प्रभाव केवल उस पर ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। इसलिए, प्रत्येक बेटी को अपने संस्कारों का पालन करना चाहिए, मर्यादा में रहना चाहिए ।
गौ दान को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है, जो व्यक्ति जीवन में गौ सेवा करता है और गौ दान करता है, उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी कहा गया है कि गौ सेवा करने से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
बच्चों को नित्य सत्संग सुनवाना चाहिए, जिससे उनमें बचपन से ही अच्छे संस्कार विकसित हों। सत्संग से धर्म, नैतिकता, सत्य, करुणा और सद्गुणों की शिक्षा प्राप्त होती है, जिससे बालक जीवन में सन्मार्ग पर चलते हैं और समाज के लिए आदर्श बनते हैं।
जब-जब पृथ्वी पर अधर्म और पाप बढ़ता है, तब-तब भगवान स्वयं अवतार धारण कर धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतरित होते हैं। जब भी अधर्मी शक्तियाँ समाज में हावी होती हैं, तब भगवान स्वयं या उनके द्वारा भेजे गए दिव्य पुरुष धरती पर आकर सत्य और धर्म की पुनः स्थापना करते हैं।
प्रत्येक सनातनी को एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। यह व्रत शरीर को शुद्ध और स्वस्थ रखने में सहायक होता है। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी का व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है।
पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में
श्रीमद्भागवत कथा
दिनांक: 13 से 19 फरवरी 2025
समय: दोपहर 12:30 से
स्थान: गल्ला मंडी राधा कृष्ण मंदिर, राठ रोड, उरई, उत्तर प्रदेश