#day7 सनातन धर्म की रक्षा के लिए अडिग रहने वाला ही सच्चा सनातनी और वीर कहलाता है। - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

महाराज श्री ने कथा में बताया कि औरंगज़ेब ने अपने ही पिता शाहजहाँ को कैद कर दिया, अपने भाइयों की हत्या कर सत्ता हथिया ली। उसके इशारे पर हजारों मंदिर ध्वस्त किए गए, और हिंदुओं पर ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन थोपा गया। औरंगज़ेब ने हमारे कई पूज्य स्थलों को तोड़कर सनातन आस्था को कुचलने का प्रयास किया। क्या उसे महान कहा जा सकता है?

गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा के लिए अडिग रहना ही सच्ची भक्ति और वीरता है। हर सनातनी को गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के आदर्शों को अपनाना चाहिए और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे। धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहो, सत्य और न्याय के मार्ग पर अडिग रहो!

शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को कभी भी बाल खुले नहीं रखने चाहिए – न रसोई में, न पूजा में, न कथा में, न मंदिर में और न ही किसी के विवाह समारोह में। यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि शुद्धता, मर्यादा और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का प्रतीक है। हमारे धर्म और संस्कृति में संपूर्ण आचरण का गहरा महत्व है, जो आध्यात्मिक और मानसिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

शास्त्रों में वर्णित है कि गौ माता, ब्राह्मण, महिला और बच्चों को मृत्यु दंड नहीं देना चाहिए। यह केवल दया और करुणा का सिद्धांत नहीं, बल्कि धर्म और न्याय का मूल आधार है। इनका संरक्षण समाज की समृद्धि, संस्कृति की रक्षा और आध्यात्मिक संतुलन के लिए आवश्यक है। जो इनकी रक्षा करता है, वही सत्य धर्म का पालन करता है।

अपने बच्चों को 10 साल की उम्र के बाद आत्मनिर्भर बनाना शुरू करें। उन्हें मजबूत बनाएं, संघर्ष करना सिखाएं और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाएं। बेटों को वीर योद्धा और चरित्रवान बनाएं, और बेटियों को झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसा साहसी और आत्मनिर्भर बनाएं। संस्कार देंगे, तो उनका भविष्य उज्ज्वल होगा। धर्म और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य सिखाएँ, तो वे सच्चे सनातनी बनेंगे।

श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक: 27 फरवरी से 5 मार्च 2025
कथा समय: दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक
कथा स्थल: श्री क्षेत्र उमरज (धाकटे पंढरपुर) तालुका कंधार, जिला- नांदेड़ महाराष्ट्र

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