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#DAY 3 सनातनी अपने बच्चों को शास्त्र और शस्त्र दोनों की शिक्षा दें- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

#DAY 3 सनातनी अपने बच्चों को शास्त्र और शस्त्र दोनों की शिक्षा दें- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने बताया कि मोबाइल का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए, क्योंकि इसका अत्यधिक प्रयोग हमारे मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। बच्चे मोबाइल में अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं, जिससे उनका मानसिक विकास बाधित हो रहा है।

आजकल के बच्चे सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताते हैं और विशेष रूप से रील्स देखने में रुचि रखते हैं। यह आदत उनके मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए अत्यंत हानिकारक है।

सनातनी अपने बच्चों को शास्त्र और शस्त्र दोनों की शिक्षा दें। शास्त्र से तात्पर्य है धर्म, संस्कृति और ज्ञान की शिक्षा, जिससे बच्चे अपने मूल्यों और परंपराओं को समझ सकें। वहीं, शस्त्र का अर्थ है आत्मरक्षा और साहस की भावना विकसित करना। अपने धर्म और समाज की रक्षा के लिए दोनों ही आवश्यक हैं। 

भगवान की भक्ति से जीवन के सभी कार्य सफल हो जाते हैं। जब मनुष्य निष्कपट भाव से ईश्वर की आराधना करता है, तो उसकी सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। 

यदि मनुष्य अधर्म के मार्ग पर चलता है, तो उसे जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है और उसका नैतिक एवं आध्यात्मिक पतन हो जाता है। इसलिए धर्म के अनुरूप जीवन जीना ही सच्ची सफलता और शांति का मार्ग है।

श्रीमद्भागवत कथा भव्य आयोजन
दिनांक- 19 से 25 मार्च 2025
कथा स्थल : गाँव – कोपरिया पोस्ट – कोपरिया, जिला – सहरसा, बिहार

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