कथा में “The Taj Story” के डायरेक्टर श्री तुषार अमरीश गोयल जी, निर्माता -श्री सुरेश झा जी ने पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया । पूज्य महाराज श्री ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि “The Taj Story” जैसी फिल्में आज के समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने सभी सनातन प्रेमियों और धर्मप्रेमी जनों से आग्रह किया कि वे इस फिल्म को अवश्य देखें, क्योंकि यह फिल्म सनातन धर्म की गौरवमयी परंपरा और सच्चाई पर आधारित है।

हर व्यक्ति को जीवन में एक बार नहीं, बार-बार श्रीमद्भागवत कथा अवश्य सुननी चाहिए। कथा ही वह अमृत है जो मनुष्य को मृत्यु से पहले अमरता का मार्ग दिखाती है। कथा मन को निर्मल करती है, बुद्धि को जाग्रत करती है और जीवन को ईश्वर की ओर मोड़ती है।

जिसे हमारे वेद और शास्त्रों ने स्वीकार किया हो हमें उसकी पूजा करनी चाहिए, जो पूजा वेदसम्मत नहीं है, वह केवल भ्रम है।हमें इधर-उधर की पूजा-पाठ, टोटके या किसी भी प्रकार के अंधविश्वास में विश्वास नहीं करना चाहिए। ये सब मन को भटकाते हैं, भगवान की ओर नहीं ले जाते।

बचपन वह अवस्था है जब मन निर्मल, हृदय निष्कपट और विचार पवित्र होते हैं। ऐसे समय में किया गया भजन, कथा-श्रवण या सत्संग केवल एक कर्म नहीं होता, वह संस्कार का बीज होता है, जो आगे चलकर जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल देता है।

जो माता-पिता अपने बच्चों को कथा श्रवण कराते हैं, वे उन्हें केवल धर्म नहीं दे रहे, बल्कि एक दिव्य जीवन दृष्टि दे रहे हैं।कथा का श्रवण करने से बच्चों के मन में ईश्वर के प्रति श्रद्धा, माता-पिता के प्रति आदर और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव जाग्रत होता है।

हमेशा ऐसे कार्य करने चाहिए जिनसे न केवल हमारा, बल्कि समाज और राष्ट्र का कल्याण हो।मनुष्य का जन्म केवल अपने सुख के लिए नहीं हुआ है, बल्कि समाज के हित और धर्म के उत्थान के लिए हुआ है। जब व्यक्ति अपने कर्म में निःस्वार्थ भाव लाता है, तब वही सच्चा भक्त और कर्मयोगी कहलाता है।

श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन

2 से 8 नवम्बर 2025

समय: दोपहर 3 बजे से

स्थान: बालासाहेब ठाकरे मैदान, इन्द्रलोक फेज-3, भायंदर (ईस्ट), मुंबई

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