#Day3 कौन कहता है आतंक का धर्म नहीं होता - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

कथा के दौरान महाराज श्री ने कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और शहीदों के परिजनों के प्रति अपनी गहन संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता? धर्म पूछ-पूछ कर निर्दोष हिन्दुओं की हत्या की गई है। यह केवल एक हमला नहीं, यह मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है। महाराज श्री ने राजनीति पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा इतनी भयावह स्थिति में भी कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने में लगे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां संवेदना होनी चाहिए, वहां स्वार्थ का खेल खेला जा रहा है। 

अब समय आ गया है कि जब हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी चाहिए। सरकार और सुरक्षाबलों के साथ साथ हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए आगे आएं। यदि आप कुछ कर नहीं सकते, तो कम से कम विधर्मियों का आर्थिक बहिष्कार करें। विधर्मियों के व्यापार और संसाधनों का समर्थन करना बंद करें। यही पहला कदम होगा राष्ट्र की रक्षा में।

हमारी परंपरा में विवाह को पुण्य का कार्य माना गया है, जहाँ अग्नि साक्षी होती है, और सात फेरे जीवन भर की निष्ठा, सेवा, सहयोग और प्रेम का वचन होते हैं। लेकिन आज के समय में “लिव-इन रिलेशनशिप” जैसे विचारों को आधुनिकता का नाम देकर समाज में प्रचारित किया जा रहा है। यह चिंतन का विषय है कि क्या यह मार्ग वास्तव में उन्नति की ओर ले जा रहा है या हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से काट रहा है? 

हम अपने बच्चों को अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में पढ़ाते हैं, महंगी फीस चुकाते हैं, विदेशी भाषाओं और संस्कृति से उनका परिचय कराते हैं। लेकिन क्या कभी हमने यह सोचा कि वही बच्चे अपने ही धर्म, अपनी ही संस्कृति, और अपने ही ग्रंथों से अनभिज्ञ क्यों हैं? हम गर्व से हम कहते हैं – “मेरा बच्चा फ़्लूएंट इंग्लिश बोलता है। हम आधुनिकता के पीछे इस कदर भाग रहे हैं कि संस्कारों की जड़ें खुद ही काट रहे हैं। हम बच्चों को शेक्सपीयर तो पढ़ाते हैं, लेकिन तुलसीदास और व्यास के विचारों से दूर रखते हैं।

श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक: 21 से 27 अप्रैल, 2025
कथा समय: शाम 4 बजे से 7 बजे तक
कथा स्थल: सिद्ध श्री देवी मंदिर, पानीपत, हरियाणा

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