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आज मनुष्य चिता से कम और चिंता से ज्यादा जल रहा है – पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

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विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में दिनांक 17 से 25 मई 2023 तक श्री राम मैदान, वटवा, अहमदाबाद, गुजरात में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से शिव महापुराण कथा और 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन किया जा रहा है। शिव महापुराण कथा के द्वितीय दिवस पर महाराज श्री ने शिव महापुराण कथा का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। कथा के प्रथम दिवस पर भक्तों ने महाराज जी के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया।

पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने कथा पंडाल में बैठे सभी भक्तों को शिव स्त्रोत का श्रवण कराया। अगर भगवान का नाम लेने में आलस्य बरतोगे तो जनम-जन्मांतर तक मृत्यु की चक्कर में पड़े रहोगे। जो लोग भगवान के नाम का आश्रय नहीं लेते वो इससे मुक्त नहीं हो सकते। भवसागर से मुक्त होने के लिए भगवान के नाम में विशेष रूचि का होना बहुत ज़रूरी है।

जितना मन आपका खुद को शहंशाह दिखाने का करता है अगर उसका 20% भी मन आपका भगवान के भजन में लग गया तो आपका कल्याण इसी जन्म में हो जायेगा। भगवान का नाम अनमोल है, अद्भुत है उस नाम का आश्रय लीजिये। आज के मनुष्य को चिता की अग्नि बाद में जलायेगी लेकिन चिंता की अग्नि उसे पल पल जला रही है।

जो मनुष्य अकाल मृत्यु मरता है उसे भूत, प्रेत, पिचास को योनि में जाना पड़ता है। सुसाइड सबसे बड़ा पाप है। भगवान द्वारा उपहार के रूप में दिए गए जीवन को समाप्त कर लेना सबसे बड़ा पाप है। आज कल जो हमारे युवा लोग है कुछ भी देखेंगे न शब्द सुनेगे बस आप गन्दगी शेयर कर रहे है तो समाज को गन्दा बनाने में आपकी अहम भूमिका है और अगर आप अच्छाई शेयर कर रहे है तो आप समाज को अच्छा बनाने एक प्रयास कर रहे है।

जिस मनोरथ के साथ शिव महापुराण की कथा को सुनोगे, तो आपको फल मिलेगा ही परन्तु अगर किसी ने निस्वार्थ भाव से कथा सुनी जिसे कुछ चाहिए उसे शिवलोक की सहज प्राप्ति हो जाती है और जो मनुष्य शिव लोक पहुंच जाते है वो वापस पृथ्वी पर नहीं आते है उसी का नाम मोक्ष कहा गया है उनकी मुक्ति हो जाती है।

जैसे भागवत कथा में कहा गया है जो मनुष्य भागवत कथा सुनते और उन्हें फलस्वरूप में कुछ नहीं चाहिए उन्हें सबसे बड़ा फल मिलता है वो है मोक्ष।

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