टीवी के माध्यम से परोसी जा रही अश्लीलता एक सुनियोजित षड्यंत्र है। – पूज्य महाराज श्री
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sonu
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टीवी के माध्यम से परोसी जा रही अश्लीलता एक सुनियोजित षड्यंत्र है। – पूज्य महाराज श्री
महाकुंभ में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं श्री शिवमहापुराण कथा – 6 फरवरी से 12 फरवरी 2025 तक किया जा रहा है। षष्टम दिवस पर 2 लाख 21 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण, पूजा-अर्चना एवं अभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। अबतक 8 लाख, 86 हजार पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा चुका है। कथा में पूज्य श्री गोविंद देव गिरी जी महाराज ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया। पूज्य श्री गोविंद देव गिरी जी महाराज ने पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सुपुत्र श्री देवांश जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
पूज्य महाराज श्री ने टीवी के माध्यम से हमारी संस्कृति के नष्ट होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। टीवी के माध्यम से जिस तरीके से अश्लीलता परोसी जा रही है और हमारे श्रेष्ठ रिश्तों का मजाक उड़ाया जा रहा है, यह हमारी संस्कृति, संस्कारों और परंपराओं को नष्ट करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है। रणवीर अल्लाहबादिया के माता-पिता पर दिए उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराज श्री ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों की सोच पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुकी है। वे समाज को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। यह भारतीय परंपराओं और संस्कृतियों का घोर अपमान है।
प्राणी हंसते हुए कोई भी कार्य करता है, लेकिन जब उसके द्वारा किए गए कर्मों का फल भोगता है, तो उसे पछताना पड़ता है। जीवन के प्रत्येक कर्म का एक परिणाम होता है, चाहे वह अच्छा हो या बुरा। यदि हम अपनी इच्छाओं और क्षणिक सुखों के पीछे दौड़ते हैं और अपने कर्मों के नतीजों पर ध्यान नहीं देते, तो अंत में हमें दुख और पश्चाताप का सामना करना पड़ता है।
शास्त्रों में जीवन के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया गया है। वेद, पुराण, उपनिषद और अन्य धार्मिक ग्रंथों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी जीव की हत्या करना न केवल पाप है, बल्कि यह समाज और मानवता के प्रति एक गंभीर अपराध है। विशेष रूप से गोहत्या, ब्राह्मण हत्या, स्त्री हत्या और शिशु हत्या को अत्यधिक घृणित और वर्जित माना गया है।
धार्मिक शिष्टाचार और जीवनशैली में भारतीय संस्कृति की कई परंपराएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। महिलाओं को हमेशा स्नान करके ही रसोई में प्रवेश करना चाहिए। रसोई को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए, घर के अन्य स्थानों के प्रति भी एक आदर्श और शिष्टाचार का पालन करना आवश्यक है। जैसे कि देहरी पर खड़ा होना अशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। महिलाओं को अपने बालों को खुला नहीं रखना चाहिए।
महाकुंभ में पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में
11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं श्री शिवमहापुराण कथा – 6 फरवरी से 12 फरवरी 2025 तक
स्थान: शान्ति सेवा शिविर, सेक्टर 17, संगम लोअर मार्ग, नागवासुकी चौराहा (पश्चिमी पटरी), महाकुंभ मेला, प्रयागराज।